
जगदलपुर। बस्तर से जुड़ी नौ सूत्रीय रेल मांगो को लेकर 15 जून से प्रस्तावित अनिश्चितकालीन रेल रोको आंदोलन को लेकर रेल आंदोलन बस्तर समिति के साथ तीन दौर की चर्चा के बाद भी गतिरोध टला नहीं है। आंदोलन के लिए एक मंच पर आए चार युवा संगठनों के बीच भी कुछ मुद्दों पर एकराय नहीं बनने से आंदोलन को लेकर संशय की स्थिति बनी हुई है। आंदोलन समिति के संयोजक मंडल के साथ सोमवार शाम को पुलिस प्रशासन ने चर्चा की। इसके बाद देर शाम जिला प्रशासन की ओर से अनुविभागीय अधिकारी राजस्व ने भी चर्चा कर आंदोलन टालने की समझाइश दी लेकिन संयोजक मंडल अपने निर्णय पर अडिग रहा। सोमवार को वाल्टेयर रेलमंडल के प्रबंधक अनूप सतपथी ने बयान जारी कर रेल मांगो पर रेलवे का पक्ष जारी किया।
बाद में उनके द्वारा फोन पर संयोजक मंडल के एक सदस्य से चर्चा करने की भी बात सामने आई थी। इधर मंगलवार को रेलमंडल मुख्यालय से अतिरिक्त वाणिज्य प्रबंधक और रेलवे सुरक्षा बल के सहायक कमांडेंट शाम को जगदलपुर पहुंचे। दोनों अधिकारी आंदोलन समिति के प्रतिनिधिमंडल से चर्चा के लिए आए हैं। रात में समाचार लिखे जाने तक बैठक शुरू नहीं हुई थी। ज्ञात हो कि रेल आंदोलन बस्तर समिति में चार युवा संगठन शामिल हैं। जिसका नेतृत्व साकेत शुक्ला, सुशील मौर्य, रोहित सिंह आर्य और नवनीत चांद कर रहे हैं।
जगदलपुर-रावघाट रेललाइन का निर्माण शुरू करने, वाल्टेयर रेलमंडल को यथावत बनाए रखकर बस्तर को इसी मंडल में शामिल रखने, बस्तर रेलवे प्रायवेट लिमिटेड से इरकान को बाहर कर रेलवे विकास निगम को शामिल करने, रेललाइन के लिए जमीन अधिग्रहण में अनियमितता में सहयोगी आरोपित इरकान के अधिकारियों के खिलाफ कारवाई करने, बस्तर में किरंदुल-कोत्तावालसा रेललाइन पर स्थित स्टेशनों में यात्री सुविधाओं में विस्तार करना आदि नौ मांगे हैं।
कानून और व्यवस्था पर सख्ती
मिली जानकारी के अनुसार रेल रोको आंदोलन होने पर पुलिस और रेलवे सुरक्षा बल दोनों ने सख्ती बरतने का संकेत आंदोलन समिति को दे दिया है। आंदोलन को देखते हुए रेलवे सुरक्षा बल की अतिरिक्ति फोर्स भी बुलाई जा रही है। आंदोलनकारियों की समिति ने सोमवार को पत्रवार्ता लेकर साफ कर दिया है कि आंदोलन में केवल मालगाड़ियों को रोका जाएगा। यात्री ट्रेनों को नहीं रोका जाएगा।
इधर आंदोलन में शामिल एक संगठन पर रेलवे की जमीन पर काबिज लोगों से संपर्क कर आंदोलन में सहयोग मांगने की भी खबर सामने आई है जिसे रेल प्रशासन ने गंभीरता से लिया है। साकेत शुक्ला से चर्चा करने पर उन्होंने नईदुनिया से कहा कि आंदोलन किया जाएगा। नौ सूत्रीय मांगो पर स्पष्ट जवाब अभी तक सामने नहीं आया है। रेलवे के अधिकारी वाल्टेयर रेलमंडल मुख्यालय से चर्चा के लिए आ गए हैं। चर्चा में रेलवे का पक्ष सामने आने के बाद कि वे बस्तर के रेल विकास को लेकर कितना गंभीर हैं को देखकर समिति चर्चा करेगी।